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March 6, 2021

Baga Chalo KESARIYA : Asha Sapera | बागा चालो केसरिया | PRG

"बागा चालो केसरिया"
आशा सपेरा जी की बेहद दिल, दिमाग को सकून देने वाली मखमली आवाज, विरह की वेदना में डूबी प्रेयसी के चेहरे पर प्रकट होते वास्तविक हाव-भाव, वैसा ही गजब का पहनावा और बेहद खूबसूरत नजारा, कोरियोग्राफी, लोक साज और साजिंदे। वर्तमान में कई चैनलों पर चल रहे कान-फाड़ू संगीत वाले गाने नृत्य की जगह सावन में मेघ-मल्हार सा वर्षों बाद आये इस तरह के कमाल के गीत-संगीत को चाहे कितनी ही बार देख लो, बार-बार फिर से देखने को मन करता है, PRG Music And Film Studio और Sajjan Singh Ji Gehlot को भी रूह से रूबरू कराने के लिये कोटि-कोटि धन्यवाद।
हमारे चैनल "S P Gehlot" पर भी आशा सपेरा जी के कुछ चुने हुए गीत, नृत्य का संग्रह है जिन्हें श्रोतागण चाहे तो हमारे चैनल पर विजिट कर के उनका लुफ़्त उठा सकते हैं। 

May 26, 2020

Bhai Bhai | Salman Khan | Sajid Wajid | Ruhaan Arshad

Hindu Muslim Bhai Bhai

Manganiar and Langhas Communities | Muslim but they celebrate Diwali and Holi too as well as | EID

मांगणियार और लंघा समुदाय मुस्लिम हैं लेकिन वे ईद के साथ-साथ दिवाली और होली जैसे हिंदू त्यौहारों को भी मनाते हैं. मंगनियार खुद को राजपूतों का वंशज मानते हैं और थार रेगिस्तान के लोक संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध हैं । उनके गीत पीढ़ी से पीढ़ी तक रेगिस्तान के मौखिक इतिहास के रूप में पारित किए जाते हैं। maanganiyaar aur langha samudaay muslim hain lekin ve eed ke saath-saath divaalee aur holee jaise hindoo tyauhaaron ko bhee manaate hain. manganiyaar khud ko raajapooton ka vanshaj maanate hain aur thaar registaan ke lok sangeetakaar ke roop mein prasiddh hain . unake geet peedhee se peedhee tak registaan ke maukhik itihaas ke roop mein paarit kie jaate hain.
The Manganiyar and Langha communities are Muslim but they celebrate Hindu festivals like Eid as well as Diwali and Holi. Manganiyar considers himself a descendant of the Rajputs and is renowned as a folk musician of the Thar Desert. His songs are passed down from generation to generation as an oral history of the desert.
https://kalbeliadancer.blogspot.com/2020/05/manganiar-langhas-communities.html हमारा यह "कालबेलिया डांसर" चैनल कोबरा जिप्सी कालबेलिया कलाकारों, राजस्थानी लोक गीतों, लोक नृत्यों, लोक संगीत और ग्रामीण संस्कृति को समर्पित है। कालबेलिया राजस्थान का एक नृत्य है, जो इसी नाम की जनजाति द्वारा किया जाता है। नृत्य उनकी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है और पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है.
इन कलाकारों की निष्छल मुस्कराहट के पीछे अनगिनित जख्म, गम भरे होते है फिर भी ये इन्हे कभी चेहरे पर प्रकट नहीं करते, प्रदर्शन के समय आपसे मिली तालियों की गड़गड़ाहट और वाह-वाही से ही ये अपनी गरीबी का दंश भूल जाते हैं.
‘कोरोना’ महामारी में इनके स्थानीय, जिला, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सभी स्टेज, शादियों आदि में होने वाले प्रोग्राम बंद हो गये हैं जिससे इनकी रही-सही आर्थिक कमर भी टूट चुकी हैं, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले सिर्फ और सिर्फ आप ही इनकी आखिरी उम्मीद हैं.
दोस्तों, ये उम्मीद नहीं टूटे इसके लिए इन्हे आप इस चैनल या और किसी अन्य के चैनल पर जब भी देखें तो पसंद आने पर उस चैनल को लाइक, सब्सक्राइब करके ऑल नोटिफिकेशन वाली घंटी बजाना, कॉमेंट करना व अपने दोस्तों को शेयर करना नहीं भूलें, आपकी इस छोटीसी मदद को ही ये अपना बड़ा ईनाम समझ कर खुश हो जायेंगे और आपको ढेर सारी दुआऐं देंगे.
यदि आप इन कालबेलिया कलाकारों के बारे में और अधिक जानकारी जैसे इनका रहन-सहन, परिवार, पहनावा, शृंगार, चित्र, साजो-सामान, पता, लेटेस्ट न्यूज आदि जानना चाहते हैं तो कृपया हमारे इस गूगल ब्लॉग लिंक को क्लिक करें : https://kalbeliadancer.blogspot.com आप हमें इन प्रसिद्ध सोशल मीडिया साइटो पर भी फॉलो, सब्सक्राइब, लाईक, शेयर, कॉमेंट करना, इनवाइट, ज्वाइन आदि कर सकते हैं : YouTube - http://www.youtube.com/c/SPGEHLOT #BhaiBhai #SalmanKhan #EidSong

May 25, 2020

Manganiar and Langhas Communities | Muslim but they celebrate Diwali and Holi too as well as | EID


आज हम इन "मेरसी'' भाइयों को ईद की शुभकामनायें देते हैं.

Manganiar and Langhas communities are Muslim but they celebrate Hindu festivals such as Diwali and Holi too as well as EID
मांगणियार और लंघा समुदाय मुस्लिम हैं लेकिन वे ईद के साथ-साथ दिवाली और होली जैसे हिंदू त्यौहारों को भी मनाते हैं. मंगनियार खुद को राजपूतों का वंशज मानते हैं और थार रेगिस्तान के लोक संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध हैं । उनके गीत पीढ़ी से पीढ़ी तक रेगिस्तान के मौखिक इतिहास के रूप में पारित किए जाते हैं। maanganiyaar aur langha samudaay muslim hain lekin ve eed ke saath-saath divaalee aur holee jaise hindoo tyauhaaron ko bhee manaate hain. manganiyaar khud ko raajapooton ka vanshaj maanate hain aur thaar registaan ke lok sangeetakaar ke roop mein prasiddh hain . unake geet peedhee se peedhee tak registaan ke maukhik itihaas ke roop mein paarit kie jaate hain.
The Manganiyar and Langha communities are Muslim but they celebrate Hindu festivals like Eid as well as Diwali and Holi. Manganiyar considers himself a descendant of the Rajputs and is renowned as a folk musician of the Thar Desert. His songs are passed down from generation to generation as an oral history of the desert. हमारा यह "कालबेलिया डांसर" चैनल कोबरा जिप्सी कालबेलिया कलाकारों, राजस्थानी लोक गीतों, लोक नृत्यों, लोक संगीत और ग्रामीण संस्कृति को समर्पित है। कालबेलिया राजस्थान का एक नृत्य है, जो इसी नाम की जनजाति द्वारा किया जाता है। नृत्य उनकी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है और पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है.
इन कलाकारों की निष्छल मुस्कराहट के पीछे अनगिनित जख्म, गम भरे होते है फिर भी ये इन्हे कभी चेहरे पर प्रकट नहीं करते, प्रदर्शन के समय आपसे मिली तालियों की गड़गड़ाहट और वाह-वाही से ही ये अपनी गरीबी का दंश भूल जाते हैं.
‘कोरोना’ महामारी में इनके स्थानीय, जिला, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सभी स्टेज, शादियों आदि में होने वाले प्रोग्राम बंद हो गये हैं जिससे इनकी रही-सही आर्थिक कमर भी टूट चुकी हैं, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले सिर्फ और सिर्फ आप ही इनकी आखिरी उम्मीद हैं.
दोस्तों, ये उम्मीद नहीं टूटे इसके लिए इन्हे आप इस चैनल या और किसी अन्य के चैनल पर जब भी देखें तो पसंद आने पर उस चैनल को लाइक, सब्सक्राइब करके ऑल नोटिफिकेशन वाली घंटी बजाना, कॉमेंट करना व अपने दोस्तों को शेयर करना नहीं भूलें, आपकी इस छोटीसी मदद को ही ये अपना बड़ा ईनाम समझ कर खुश हो जायेंगे और आपको ढेर सारी दुआऐं देंगे.
यदि आप इन कालबेलिया कलाकारों के बारे में और अधिक जानकारी जैसे इनका रहन-सहन, परिवार, पहनावा, शृंगार, चित्र, साजो-सामान, पता, लेटेस्ट न्यूज आदि जानना चाहते हैं तो कृपया हमारे इस गूगल ब्लॉग लिंक को क्लिक करें : https://kalbeliadancer.blogspot.com आप हमें इन प्रसिद्ध सोशल मीडिया साइटो पर भी फॉलो, सब्सक्राइब, लाईक, शेयर, कॉमेंट करना, इनवाइट, ज्वाइन आदि कर सकते हैं : YouTube - http://www.youtube.com/c/SPGEHLOT #Manganiar #Langha #Eid हमें अपना कीमती समय व सहयोग देने के लिये हम आपको धन्यवाद देते हैं.

"कोई भूखा न सोये" की दिशा में एक और प्रयास, अशोक गहलोत सी एम् राजस्थान सरकार


Koi Bhukha Na Soye | Ashok Gehlot | CM Rajasthan Sarkar, kalbelia dancer, kalbeliya kalakar
Koi Bhukha Na Saye

"कोई भूखा न सोये" की दिशा में एक और प्रयास, अशोक गहलोत सी एम् राजस्थान सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा हेतु सर्वे में कलाकार-कालबेलिया, मांगणियार लंगा भी शामिल है. कृपया सर्वे में शामिल होने के लिए इस विज्ञापन में बताये गए तरीके के अनुसार आवेदन करें और खाद्य सुरक्षा का लाभ प्राप्त करें, धन्यवाद.


हमने इस सम्बन्ध में सरकार तक आपकी आवाज पहुंचाने का सोशल मीडिया के द्वारा प्रयास किया था, कृपया इस सम्बन्ध में हमारी निम्नलिखित पुरानी पोस्टो को देखें :-








"koee bhookha na soye" kee disha mein ek aur prayaas, ashok gahalot see em raajasthaan sarakaar dvaara khaady suraksha hetu sarve mein kalaakaar-kaalabeliya, maanganiyaar langa bhee shaamil hai. krpaya sarve mein shaamil hone ke lie is vigyaapan mein bataaye gae tareeke ke anusaar aavedan karen aur khaady suraksha ka laabh praapt karen, dhanyavaad.

Another effort in the direction of "Let no starvation sleep", Ashok Gehlot CM, Rajasthan Government's survey for food security includes artist-Kalbeliya, Manganiyar Langa. Please apply to participate in the survey according to the method mentioned in this advertisement and get the benefit of food safety, thank you.

#Koi_Bhukha_Na_Soye
#AshokGehlot
#CM_Rajasthan

May 21, 2020

Pain and Tears of an Artist of Kalbeliya tribal in the CORONA situation


इन कलाकारों की निष्छल मुस्कराहट के पीछे अनगिनित जख्म, गम भरे होते है.


Youtube Logo
🌟 Meena Sapera replied to S P Gehlot's comment
Meena Sapera
क्या लिखा है सर वाकई में दिल खुश हो गया और मेरे समाज पर मुझे गर्व होता है कि हम लोग ऐसे डांस को प्रस्तुत करते हैं और लोगों को खुश करते हैं उनका मनोरंजन करते मगर इस दुख की घड़ी में हमारा साथ कोई नहीं दे रहा है और हम लोग जैसे कई कलाकार भूखे मर रहे हैं वह खून के आंसू रो रहे हैं तो आप जितना हो सके यह चीज आप शेयर करें और गवर्नमेंट सरकार से हम लोग वह तो उम्मीद है मगर हमारे साथ अभी कोई खड़ा नहीं हुआ है

REPLY  By S P Gehlot
प्यारी बहिना,

हौसला-अफजाई के लिए आपका शुक्रिया, कोरोना काल में नई राह, नया सवेरा, नये दोस्त, शुभचिंतक  मिलेंगे, इसी उम्मीद के साथ यूट्यूब गूगल बाबा के अनगिनित नियमों की अंगुली थामे, सुने हो चुके अंतहीन पथ पर भुखे-प्यासे पैदल ही कारवा ले कर चल पड़े है, देश के उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों को कभी पकौड़ी तलने की सलाह देने वाले साहब सरकार ने तो अब कह दिया है कि अपने बल-बुते पर आत्मनिर्भर बनो, उम्मीद है कभी तो मंजिल मिलेगी ही. 'चरणीयति चरणीयताह'

आपको अपने समाज की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होना ही चाहिये, आज आपकी इसी नृत्य-गायन की कला को देखने, सीखने, अपनाने के लिये न केवल देश के उच्च जाति वर्ग बल्कि कोसों दुर सात समुन्दर पार से भी इस कला के प्रशंसक आपके चुंबकीय नागपाश में बंधे खींचे यहाँ चले आते है. जब देश के अति महँगे कान्वेंट स्कूलों, कालेजों के वार्षिक प्रोग्राम में वहाँ की छात्राओं द्वारा कालबेलिया नृत्य करने की मात्र घोषणा भर होने से ही पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट, तेज सीटियों के शौर से गूंज उठता है, जबकि अभी तक तो नृत्य शुरू ही नहीं हुआ है, सोचो जब नृत्य की पूर्णता पर चरमआनन्द का प्रसाद पाए क्या स्त्री, क्या पुरुष, युवक-युवतियाँ मदहोश हो कर झूमने नाचने के लिये स्वत: ही विवश हो जाते हैं तब वहा का क्या आलम होता होगा, इस आलम को यदि रजनीश भी देख लेते तो वो इस महान मेडिटेशन ज्ञान के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रहते, यह सिर्फ नृत्य नहीं सम्पूर्ण योग है, काश यहाँ के योग बाबा को कोई सद्बुद्धि दे कि पेट को अंदर पिचकाने, घी-तेल, पापड़ बड़िये, मिर्च-मसालों के लाखों ग्रामीण गृह उद्योगों को तबाह करने, देश की आर्थिक रीड की हड्डी को खोखला करने की बजाय वे यदि इस नृत्य-योग का संरक्षण करते, बढ़ावा देते तो विदेश में कोई अमीरजादा-जादी उन्हें छोटा सा घास-फूस, बंजर खारे पानी से घिरा टापू तो क्या पूरा अपना भरापुरा देश ही न्योछावर कर देता, उनकी सम्पति लोलुपता की प्यास तृप्त हो जाती और उनकी प्रसिद्धि एक बणिये की बजाय असल योग गुरु के रूप में होती। खैर 'समरथ को नहीं दोष गुसाई'

बरहाल समय का फेर है, आप जैसे खुश-मिजाज, लोगो का तहे-दिल से मनोरंजन करने वाले कलाकारों को ये बड़े-बड़े महलों, किलों, हवेली-कोठी-होटलों वाले, सरकारी उच्चपदो पर बिराजे नेता-अफसर, इवेंट मेनेजमेंट करने वाले, कभी अपने ख़ुशी के पलों, समारोह-उत्सव में बुलाने शामिल करने में अपनी शान में चार चाँद लगे समझते थे आज कोरोना काल में आपके दुःख की घड़ी में आपका साथ देने से कतरा रहें है, कलाकार का परिवार भूखा मर रहा है लेकिन ये कागची पैतरेबाजियों वाला खाना ही खिलाने में लगे हैं, अरे मानवता के ठेकेदारों इन गरीबों की आँखे तो खून के आँसू रो-रो कर मदद की उम्मीद में पथरा गयी है, लेकिन क्या तुम्हारे हृदय भी पाषाण हो गये है जो इनके आंसुओं के सैलाब से भी पिघल नहीं रहे, जो कभी नंगी तलवारों, तीखी किलों के सिरों, काँच के टुकड़ो पर नृत्य करते समय अपने चेहरे पर उस तरह के नृत्य से होने वाले भयानक दर्द की शिकन तक अपने चेहरे पर प्रकट नहीं होने देते थे, आपकी ख़ुशी के लिये इस जहर के प्याले को पी कर भी मुस्कराहट बिखेरते थे वे कलाकार आज की परिस्तिथि में धार-धार रो रहें हैं.

इनकी कला को तुमने बार-बार भुना-भुना कर अपनी तिजोरियाँ भरी थी और इन कलाकारों के हिस्से आये थे चंद सिक्के और खाली मग, प्लेट, नकली सिल्वर-गोल्ड की शिल्डे, जिन्हें कबाड़ी भी नहीं खरीदता और तो और प्रोग्राम के तहत जो रुपये इन पर अवारे जाते थे उस स्त्री धन का भी अधिकतर हिस्सा तुमने गटकने के काम में ले लिया था, कुम्भकरणों अब भी वक्त है नींद से जागो, इनके दुःख में कन्धे से कंधा मिला कर खड़े हो जाओ, अपनी तिजोरियाँ इनके लिये खोल दो क्यूंकि ये ज़िंदा रहे तो वे तिजोरियाँ वापस भरते देर नहीं लगेगी, आप जैसे कला-पारखी समर्थ कद्रदानों से ये गरीब समाज, कलाकार मदद की उम्मीद रखते है, अतः जहां तक हो सके अपने शहर, गाँव, ढाणी में जँहा भी इन्हे देखें-पायें यथासंभव इनकी आर्थिक मदद करने का प्रयास करें ताकि यह लोक नृत्य, लोक गायन, लोक वाद्य कला जीवित रहें। कहते हैं कि "गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगातुम एक पैसा दोगे, वो दस लाख देगा"

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Pain and Tears of an Artist
मेरे YouTube चैनल की उस विडियो पोस्ट का लिंक जिसे पढ़-देख कर प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय नृत्य कलाकार मीना सपेरा ने ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की मार्मिक अपील की ताकि कला के आर्थिक समर्थ कद्रदानों तक, राजस्थान गवर्नमेंट, भारत सरकार तक, विदेशी कला मर्मज्ञों तक यह करुण पुकार पहुँच सके, कृपया इसे क्लिक करें, पूरा देंखे, लाइक-सब्स्क्राइप करें, मेरी नयी पोस्टो को सबसे पहले प्राप्त करने के लिये घंटी बजा कर ऑल पर क्लिक करें व अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूलें। धन्यवाद 



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